रोग निर्देश- यक्ष्मा(टी. बी.), पुरानी खाँसी, प्लूरिसी तथा उसके साथ रहने वाले ज्वर, कफ़ की अधिकता तथा फुफ्फुस दौर्बल्य(फेफड़ों की कमज़ोरी) में उपयोगी है.
मात्रा और अनुपान- एक से दो कैप्सूल तक सुबह-शाम पानी या दूध से
विशेष- रुदन्ती यक्ष्मा रोग नाशक आयुर्वेद की दिव्य औषधि है. फेफड़ों की बीमारियों में असरदार तो है ही साथ की TB वाले ग्लैंड या गिल्टी में इसके सेवन से विशेष लाभ होता है.
Packing- 60 Capsule





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