मलेरिया और दुसरे हर तरह की बुखारों की यह आयुर्वेद की पॉपुलर दवा है. शास्त्रों के मुताबिक जैसे सुदर्शन चक्र दैत्यों को नष्ट करता है, उसी तरह यह चूर्ण ज्वरों का नाश कर देता है. किसी तरह की भी बुखार हो, मलेरिया, टाइफाइड या कुछ और भी हो तो इसका सेवन कराना चाहिए. यह लिवर-स्प्लीन को ठीक करता है, भूख बढ़ाता है, पाचन शक्ति ठीक करता है और खून भी साफ़ करता है. यह ज्वरघ्न, पाचक, पौष्टिक और कृमिनाशक गुणों से भरपूर होता है.
सुदर्शन चूर्ण की मात्रा और सेवन विधि – तीन से छह ग्राम तक सुबह-शाम गर्म पानी से लेना चाहिए. इसे सुबह ख़ाली पेट भी ले सकते हैं.
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