प्रतिश्यायहर योग
प्रत्येक मात्रा के मुख्य टक द्रव्य– रस सिन्दूर षडगुणबलिजारित 84 mg, अभ्रक भस्म सहस्रपुटी 84 mg, नारदीय लक्ष्मीविलास रस 333 mg इत्यादि
रोग निर्देश- पुरानी सर्दी, बार-बार नज़ला-जुकाम हो जाना, नाक से पानी बहना, सर दर्द, छींक आना, जीर्ण प्रतिश्याय इत्यादि.
मात्रा और सेवन विधि
एक-एक पुड़िया सुबह-शाम एक टी स्पून शहद में मिक्स कर चाटकर खायें. इसके साथ ‘जीर्ण प्रतिश्याय हर वटी’ का भी सेवन करने से जल्दी लाभ हो जाता है.
प्रस्तुति– 60 ख़ुराक
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